हरियाणा

गुरुग्राम की एडीजे अदालत ने नाबालिक वीडियो प्रकरण केस में 2आरोपियों की जमानत रद्द कर जारी किए NBW !

 

सत्य ख़बर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :

गुरुग्राम की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार मेहता की अदालत में गत दिवस एक बालिका की विडीयो को तोड़-मरोड़ कर प्रसारित करने वाले मामले की सुनवाई हुई। जिसमें आरोपी अपने अधिवक्ताओं के साथ अदालत में पेश हुए। वहीं 2 आरोपियों के वकीलों ने आवेदन देकर उनकी हाजिरी माफी की छुट मांगी थी,जो अदालत ने अस्वीकार कर उनके जमानती बॉन्ड भी रद्द

करते हुए आरोपी चित्रा त्रिपाठी व सैयद सोहेल के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिए।

 

गुरुग्राम की जन जागरण मंच के वकील धमेंद्र मिश्रा व अध्यक्ष हरी शंकर कुमार के अनुसार बताया गया है कि उक्त केस में आरोपी चित्रा त्रिपाठी के अधिवक्ता ने अदालत से आग्रह किया कि चित्रा त्रिपाठी महाराष्ट्र में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं। इसी प्रकार सैयद सोहेल के अधिवक्ता ने भी उत्तरप्रदेश में होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव में व्यस्तता का हवाला देते हुए अदालत से आग्रह किया कि उनको हाजिरी में छुट दी जाए। अधिवक्ता का कहना है कि अदालत ने दोनों आरोपियों के अधिवक्ताओं के आग्रह को अस्वीकार करते हुए कहा कि उपस्थिति से छूट देने का कोई उचित आधार नहीं बनाया गया है। केस फाइल के अवलोकन से पता चलता है कि पहले भी आरोपी चित्रा त्रिपाठी अदालत में पेश नहीं हुई थीं और उनको उपस्थिति से छूट दी गई थी। ऐसा प्रतीत होता है कि वह अदालत की प्रक्रिया को काफी हल्के में ले रही हैं। इसी आधार पर अदालत ने दोनों आरोपीयों की जमानत खारिज कर दी।

 

वहीं संबंधित थाना पुलिस को आदेश दिए कि आगामी 30 नवम्बर तक दोनों आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट तामील कराए जाएं। यदि वारंट तामील नहीं-नहीं होते हैं तो थाना प्रभारी व्यक्तिगत रुप से अदालत में उपस्थित होकर वस्तुस्थिति को स्पष्ट करें। अधिवक्ता धर्मेंद्र मिश्रा का कहना है कि अदालत ने भी माना है कि यह मामला पिछले 9 वर्ष पुराना है और यदि अदालती कार्यवाही शीघ्रता से नहीं की गई तो इस मामले का जल्द से जल्द निपटारा करना व्यवहारिक रुप से संभव नहीं होगा।

गौरतलब है कि वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार क्षेत्र के व्यक्ति के घर पर संत आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय उनके घर के कार्यक्रम की वीडियो भी बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनलों ने बनाई गई वीडियो को प्रसारित किया था। परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़-मरोडकर अश्लील व अभद्र तरीके से टी वी चैनलों पर प्रसारित किया था। जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा था। जिसकी परिजनों ने पालम विहार पुलिस थाना में शिकायत भी दर्ज कराई थी। जिसमें देश के कई नामी पत्रकार को भी आरोपी बनाया गया था। तभी से यह मामला गुरुग्राम की एडीजे अदालत में चल रहा है।

Back to top button